क्या तुम्हे याद है !

                                                      क्या  तुम्हे याद है   ! 
क्या तुम्हे याद है  मेरा और तुम्हारा इस तरह से  अचानक मिलना 
रब का कोई इशारा हो जैसे ,जीवन मे इतनी खुशियों को छा  जाना
सिर्फ तुमसे   ..क्या तुम्हे याद है   !
दिल मे हजारो सपने जगे ,जब तुम्हे देखा तुमको देखा  तो तुम मुझे अपने से लगे , तुमारा हँसना.  देखना ,  बाते करना
 मन जैसे कही खो सा  गया  जब तुम मिले  
 एसा  लगा जैसे सब कुछ पा लिया !
 मैंने  तुम्हे और तुमने   मुझे इस तरह से निहारा,
जैसे कोई प्यारा  सा रिश्ता हो हमारा
फिर एसा क्या हो गया , वो प्यारा सा रिश्ता एक रेगिस्तान बन कर रह गया जहा रेत के टीले बताते है  की वो  एक समंदर  था
क्या तुम्हे याद है
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