अहसास

                                                            अहसास
आँगन की धुप लिए , दबे पाँव यु आये तुम
जीवन मे मेरे ,प्रेम का गीत लिए
फिर मे तुम संग यु चोरी चोरी
एक धागे मे बंधने लगी ,मन को सुकून मिला तुमसे
नया जीवन मिला तुमसे
मे फूल सी खिलने लगी
और ये अहसास जगा मन मे मेरे
कि कोंन हो तुम मेरे
कोई अपने से , जिसने मेरे जीवन को महकाया
मुझे हँसना सिखाया
मे जिन्दा हुई तुमसे मिलकर मैंने जाना अभी
कही एसा लगा कि मुझमे अभी थोड़ी सी जिन्दगी बाकि है !
मे तुम संग जी लू उसे
तुम संग जी लू मे
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