युवा पीढ़ी को संस्कारित करे

     युवा पीढ़ी को संस्कारित करे

यह युग भोतिकता का युग है !जिसमे हमारी युवा  पीढ़ी आध्यात्मिकता पर नेतिक मूल्यों से अनभिज्ञ होकर संस्कार विहीन  होती जा रही है !और   पाश्चातय सभ्यता को अपना रही है !धरम के संस्कार न होने से घर परिवार में धर्यता और मर्यादा लुप्त होती जा रही है ! वर्तमान मैं लोभ और स्वार्थ की पूर्ति के लिए रिश्तो को सूली पर चढ़ाया जा रहा है ! नेतिक मूल्यों और मानवीय सिद्धांतो का मखोल उदय जा रहा है ! अपनी प्राचीन संस्कृति , मानवीय मूल्यों  सभ्यता परस्पर प्रेम , सह भावना सहयोग को छोड़कर युवा  पाश्चात्य जगत की भोतिक्वादी संस्कृति के दल दल में फंसकर युवा अपने लक्ष्य से भटक रहे है ! युवाओ का जीवन टी वी और इन्टरनेट के अधीन हो गया है !जिसमे जीवन रचनात्मक  बन्ने के  बजे हिंसात्मक होता जा रहा है !आज  का युवा नशे की ओर  अधिक अगर्सर हो रहा है   सुसंस्कृत मानव ही  विपदाओ और प्रतिकूलताओ में भी अनुकूलता के साथ जीना  जानता  है !धर्म और प्राचीन संस्कारो के प्रति उदासीनता के कारन आज की युवा पीढ़ी कुसंगति मैं पड़कर उग्र स्वाभाव की होती जा रही है !सदाचार से मनुष्य की आयु बढती है ! तथा लोक परलोक में कीर्ति की प्राप्ति होती है !
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