निर्भया


निर्भया

निर्भया  तुम्हारे नव विश्वासों  में
नए  मनुजो का जन्म  होगा
हर नारी के अंतर्मन मैं
तुम्हारी पीड़ा रहेगी जिन्दा
नारी अबला नहीं रहेगी
ना दुखड़ो को सहेगी
उसका जीवन अब उसका है ,
जो चाहेगी वही  करेगी 
नारी नए युग की वाणी है ,
नई सदी की नई नारी नए विश्वास और नए
होंसले के  साथ फिर करेगी
नए युग का निर्माण
क्युकि नारी ईश्वर की  अनूठी रचना है 
नारी अद्भुत है, विलक्षण है
नहीं है  अव्लाम्बिनी
सृजन की  शक्ति  है उसमे
नारी की वाणी गूंजेगी
कल के जीवित उच्छवासो में



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