तुम जिन्दा हो हमारे दिलो में

तुम जिन्दा हो हमारे दिलो  में



दामिनी तुम मरी नहीं
 तुम जिन्दा हो  !
लोगो के दिलो  मैं
और धडकनों में

हर एक  ,गली  ,और चोराहे पर
तुम जिंदा हो

तुम्हारा यह  बलिदान
व्यर्थ नहीं जागेगा
तुम जिन्दा हो
एक उम्मीद और रौशनी बनकर

तुम जिन्दा हो हर उस
पुरुष की सोच में
जिसे हर स्त्री के प्रति
अपनी  गलत  सोच बदलनी होगी
तुम जिन्दा हो हर  उस
भारत की नारी के दिल में
जो करी रही है प्रतिकार
तुम्हारे साथ हुए अन्याय का
और बदल देना चाहती है
पुरुष की उस सोच को जो नारी
 को  कमजोर समझती है
क्युकी नारी अब सबल
है  , शक्ति का पर्याय है
शायद आने वाले कल की
नई सम्भावना है !
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