महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण



महिला  सुरक्षा और सशक्तिकरण

आज  हमारे देश की महिलाए असुरक्षित है ! किसी भी शहर में सभ्यता तभी जीवित रह सकती है जब वहा  माँ और बहने सुरक्षित हो ! ग्रामीण इलाको में तो ये और भी ज्यादा है ! उन्हें  खुलकर  जीने की इजाजत नहीं ! पांच में से चार बड़े मामले बड़े शहरों में नहीं छोटे कस्बो में दर्ज हुए  है ! हरियाणा की खाप पंचायत ने दुष्कर्म के लिए लडकियों को ही जिम्मेदार ठहराया है ! और यह तक कह दिया कि लडकियों को ही जल्दी यौन संतुष्टि चाहिए इस  वजह  से लडकियों की शादी की उम्र 18  से  16  वर्ष कर दी जाये ! यू पी  की खाप  पंचायत ने लडकियों के फ़ोन के इस्तेमाल पर ही रोक लगा दी ! शाम के समय घर से बहार निकलना प्रतिबंधित कर दिया ! ज्यादतर  दुष्कर्म के मामले तो पुलिस थाने  तक पहुच ही नहीं पाते  ! कई मामलो में  तो पंचायते आरोपी को बचा लेती है बल्कि पीडिता की शादी भी उससे करा देती है !  ग्रामीण  क्षेत्रो में महिला उत्पीडन को जिन्दगी का  अनिवार्य हिस्सा ही मान लिया जाता है !
महिला सुरक्षित होगी तभी सशक्त होगी ! जैसे जैसे शिक्षा और   आधुनिकता का विस्तार हुआ है महिलाओ  पर अत्याचार निरंतर बढ़ रहा है !  आज समाज में नारी को पुरुष के समक्ष खड़ा करने की बाते  तो सभी करते है पर मानसिक रूप से इसे कोई स्वीकार नहीं करता ! पुरुषो को महिलाओ के प्रति अपनी मानसिकता  बदलने की  जरुरत  है समाज में  हर महिला की इज्जत होनी चाहिए ! हमे नारी के अस्तित्व को बनाये रखना होगा ! अब समाज की महिलाओ के सशक्तिकरण पर धयान देना जरुरी हो गया है ! पुलिस में महिलाओ की तीस फीसदी  भरती  होनी चाहिए ! कमजोर महिलाओ को  पेंशन  और लडकियों को छात्रवृति  मिलनी चाहिए ! समाज के कर्णधारो  को सोचना होगा ! हमे कंक्रीट के महल नहीं बनाने हमे शहर बनाने है जहा पर लोग इज्जत से रह सके ! अगर हम इस असभ्य शोषण के विरुद्ध मिल जुल कर नहीं लड़ेंगे तो तो फिर तैयार रहना क्युकि  दुनिया में  किसी का भी समय अच्छा नहीं रहता ! सरकार के साथ ही प्रतेयक नागरिक का कर्त्तव्य है कि वह महिलाओ की गरिमा और सुरक्षा को सुनिश्चित करे ! आर्थिक उदारवाद ने सनातन भारतीय चिंतन और समाज परंपरा को आहत किया है !


नीरा 
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