स्त्री को मिले बराबरी का दर्जा




 नारी की दास्ताँ  अजीब है ! भारत देश को आजाद हुए इतने वर्ष हो गए मगर नारी को अभी भी बराबरी का दर्जा नही मिला है !उसको सुरक्षा और सम्मान देने की बात सब करते है उसे देवी मानते है लेकिन आज भी नारी की समाज में स्थति दयनीय है ! पुरुष हर बात पर  उसको टोकता है उसकी मर्जी उस पर थोपी जाती है ! एक नारी क्या चाहती है ये कोई नहीं जानना चाहता क्यों उसे दासी समझा जाता है !नारी ने हर  युग में कठिन परीक्षा दी है !लेकिन क्या आधुनिक युग में नारी को अपना करने की आजादी मिली  है ! नारी  हमेशा पुरुष के इशारो पर क्यों नाचती है ? अगर किसी नारी के साथ गलत होता है तो समाज और परिवार के लोग सारा दोष उस पर मढ़  देते है क !उस पर उंगलिया उठाई जाती है !उस  महिला के साथ किसी की सहानुभूति नजर नहीं आती है ! क्यों नारी की  पीड़ा और दर्द को समझा नहीं जाता ! आज महिला को घर से अकेले निकलने नहीं दिया जाता उसे अपने मन के कपडे पहनने नहीं दिया जाता !आज  सब आधुनिक युग में जी रहे है फिर भी महिलाओ को वो सम्मान और हक़ नहीं मिल रहा है जिसकी वो हकदार है !क्यों बेटा  और बेटी में लिंग भेद किया जाता है ! क्यू उसे कोई अपना कार्य चुनने की आजादी नहीं है ! कब हमारे समाज के लोगो की सोच महिलाओ और बेटियों के प्रति !बदलेगी क्यों हम नारी के साथ और उसकी भावनाओ के साथ खिलवाड़ करते रहेंगे   आज देखा ये तो देश का नाम भारतीय नारी से ही रोशन हुआ है !आज बड़े राजनीतिक पदों पर महिलाए हे है अगर हम महिलाओ को बराबरी का दर्जा देंगे तो हम एक खुशहाल और सुनहरे भविष्य का निर्माण करेंगे !
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