महिला सशक्तिकरण



महिला सशक्तिकरण महिलाओ को मिले समान  अधिकार

महिलाए समाज का आइना होती है ! किसी भी सभ्यता और संस्कृति का पैमाना होती है ! महिलाओ को पूरी आजादी से जीने का हक़ मिलना चाहिए ! उनका अपमान बंद होना चाहिए ! उनके खिलाफ उठने वाले हाथो को रोकना चाहिए ! प्राचीन काल में स्त्रियों को बोद्धिक आध्यात्मिक और सामाजिक जीवन में प्रतिष्ठा प्राप्त थी और घर के बाहर आने जाने और घुमने पर प्रतिबन्ध नहीं था ! महिलाए तीज त्योहारों में सम्मिलित होती थी ! उनकी नैतिकता का स्तर  भी ऊचा था ! विदुषी स्त्रिया समाज में दार्शनिक विचार विमर्श और तर्क वितर्क मैं भाग लेती थी ! लेकिन मध्य काल में नारी की दशा बिगडती चली गयी ! मुग़ल काल मैं भारतीय नारी ने अपने सतीत्व के साथ अपने प्राणों की आहुति देने का कार्य किया ! आजाद  भारत में महिलाओ ने सामाजिक व शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से तरक्की हासिल की ! वर्तमान मैं भी राजनीतिक क्षेत्र में महिला शक्ति का वर्चस्व कायम है ! लेकिन आज हम देखते है कि ग्रामीण क्षेत्रो में नारी की दशा आज भी बेहद ख़राब है !ग्रामीण अंचलो में नारी शिक्षा का प्रचार प्रसार होने के बावजूद अज्ञान की कालिमा नहीं मिटी है ! अशिक्षित महिलाओ को अपने अधिकारों की जानकारी न होना और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक न होना महिला पीड़ा का सबसे बड़ा कारण है! यह सही बात है कि बिना शिक्षा और क़ानूनी जागरूकता के वर्तमान युग मैं महिलाओ को अधिकार और सम्मान मिलना मुश्किल है !जिस देश में नारी को पूजा जाता था उसी देश में सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर स्त्री की दशा दयनीय है ! आम महिला अपने अधिकारों से वंचित है !समाज के नातिक पतन का परिणाम है कि महिलाओ को पारिवारिक हिंसा का शिकार होना पड़ता है ! लेकिन आज हम देखते है कि शीर्ष पदों पर पहुचकर  महिलाए महिला शक्ति का परचम लहरा रही है ! परन्तु आज भी  परिवार में महिला अपनी जिम्मेदारियों और घरेलु हिंसा व पाटो  के बीच पिसती चली जा रही है महिलाओ के प्रति अपराध कम होने का नाम नहीं ले रहे ! महिलाओ के प्रति भेदभाव करने के मामले समाज के लिए नए नहीं है !सालो से चल रहे महिला सशक्तिकरण के अभियानों के बावजूद  भी महिलाए उपेक्षा का शिकार हो रही है ! पिछले दस सालो में इसमें पचपन फीसदी की बढ़ोतरी हुई ! महिलाओ पर होने वाले अत्याचारों में महिलाओ की भी अहम् भूमिका को नाकारा नहीं जा सकता !! कन्याओ को कोख में मारे जाने में महिलाओ की भूमिका ज्यादा होती है ! महिलाओ पर होने वाले घरेलु अत्याचारों में भी महिलाओ की भूमिका अहम् होती है ! महिलाओ को बराबरी का दर्जा दिलाना है तो खुद महिलाओ को इस दिशा में प्रयास करना होगा और सकारात्मक कदम उठाना होगा ! समाज में संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओ के समानाधिकार  और सुरक्षा देने के लिए विश्व भर में कुछ नीतिया ,कार्य क्रम और मानदंड निर्धारित किये गए है ! किसी भी समाज में सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक समस्याओ का निराकरण महिलाओ की समझेदारी के बिना नहीं हो सकता इसलिए समाज में महिलाओ की स्थति को मजबूत करना बहुत जरुर्री है ! आज हम महिला  दिवस को व्यापक रूप में मानते है ! महिलाओ के विकास की बात करते है ! समाज राजनीति , फिल्म और साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओ को सम्मानित किया जाता है ! धीरे धीरे  परिस्थतिया बदल रही है और महिलाए पुरुष के साथ कंधे से कन्धा मिला कर चल रही है ! माता पिता अब बेटा बेटी में कोई फर्क नहीं करते है ! महिलाओ को सशक्त करना जरुरी  होगा क्युकि महिलाए ही देश के विकास में महत्व पूर्ण भागीदारी निभाएंगी !
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