my hindi poems,


तुमसे मेरा वजूद हैं  !

मैं तुम्हे कैसे नकार सकती हू
तुम मेरे आत्मा की गहराइयों में
शामिल हो ,
तुमसे मेरा अस्तित्व हैं !
मेरा होना तुम्हारे होने से हैं !
मैं तुमसे ही सम्पूर्ण हू ,
कभी सोचती मैं क्या होती इस संसार में
तुम्हारे बिना
एकदम अधूरी ,
अपने अस्तित्व को किन शब्दों में
परिभाषित करती मैं !
कौन समझ पाता मेरे
भावना और जज्बातों को  ,
कौन देता मुझे संबल
बहुत कुछ हैं जो मैं तुमसे
कह नहीं पाती ,
आशा हैं एक दिन तुम
मुझे जरुर समझोगे
क्युकि तुमसे ही मैं स्नेह के
अटूट बंधन में बंधी हु !
तुमसे ही मेरा वजूद हैं



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