नीर हू मैं



नीर हू मैं                                                                          

नीर हु मैं
बहना मेरा स्वाभाव
निश्छल  मन लिए ,
रोके नहीं रुकने वाली
निरंतर बहने वाली !
सबको बहा कर ले जाती
मुश्किलों में अपनी राह बनाती
अगर रुक जाऊ
तो तूफान बन जाऊ !
नीर हु मैं
विशालता   और गहराई
मेरे गुण,
समुद्र में  समा जाना चाहू
धीर और  गंभीर
तुफानो से टकरा जाऊ !
नीर  हू  मैं
शीतलता और पावन
रूप लिए
नीर हू मैं
अपनी राह खुद बनाऊ
मुश्किलों से न घबराऊ
नीर हू  मैं











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