इंदिरा गांधी .......
इंदिरा गांधी के भाषण से ,,,,
इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को उत्तर प्रदेश के इलाहबाद में एक संपन्न परिवार में हुआ था ! इंदिरा गांधी ने अपने नाम को सार्थक भी किया ! इंदिरा के अत्यंत प्रिय दिखने के कारण पंडित नेहरू इन्हे प्रिय दर्शिनी भी संबोधित करते थे !
इंदिरा प्रिय दर्शिनी गांधी को विश्व राजनीति में लोह महिला के रूप में जाना जाता हैं। ! सामाजिक और पारिवारिक परिस्थतियो ने उन्हें एक मजबूत व्यक्तित्व प्रदान किया ! को आगे चलकर उनके सफल राजनैतिक जीवन का आधार बना ! गुलाम भारत की चिंतनीय स्थिति को इंदिरा ने बचपन से ही भाप लिया था ! उनको यह समझ में आ गया था कि किसी भी राष्ट्र के लिए स्वतंत्रता कितनी जरुरी हैं ! इंदिरा गांधी को राजनीति कि समझ विरासत में मिली थी ! जिसकी वजह से जल्दी ही उनका प्रवेश राजनीति में हो गया था ! यहाँ तक कि जवाहर लाल नेहरू भी कई मसलो पर इंदिरा से राय लेते थे और उन्हें मानते भी थे ! इमरजेंसी को लेकर वे काफी विवाद में रही इसके बावजूद उन्होंने देश के लिए जो कुछ किया उसे जनता कभी नहीं भूल पाएगी ! उचित और तुरंत निर्णय लेने कि क्षमता ने कोंग्रेस सरकार में इंदिरा गांधी कि महत्ता और उनके कद को कई गुना बना दिया था ! अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए उन्होंने दो दशक तक देश को मंदी के हालात से बचाये रखा ! इसके अलावा देश में पहला परमाणु परिक्षण करने का श्रेय भी इंदिरा गांधी को जाता हैं ! दृढ निश्चयी और किसी भी परिस्थति से जूझने वाली और जीतने की क्षमता रखने वाली इंदिरा गांधी ने न केवल इतिहास में खास जगह बनाई बल्कि पकिस्तान को विभाजित करके दक्षिण एशिया का भूगोल ही बदल डाला ! इससे वर्ष 1962 के भारत चीन युद्ध की अपमानजनक पराजय की कड़वाहट धूमिल हुई और भारतीयो में नए जोश का संचार हुआ ! उनके शासन काल में कई उतार चढ़ाव आये ! अंतरिक्ष और परमाणु विज्ञान से भारत को मिली उपलब्धियों के पीछे इंदिरा गांधी की दूर दृष्टि ही रही ! इंदिरा ऎसी महिला जो न केवल भारतीय राजनीति पर छाई रही बल्कि विश्व राजनीति के क्षितिज पर भी विलक्षण प्रभाव छोड़ गई ! इंदिरा अपनी प्रतिभा और राजनैतिक दृढ़ता के लिए राजनीति के इतिहास में वे हमेशा जानी जाती रहेंगी !
इंदिरा गांधी ने बलिदान कि भविष्वाणी कएने वाले अंतिम भाषण में जो मुद्दे उठाये थे वो आज भी प्रासंगिक हैं। आज़ादी के बाद जब भारत पर हमला हुआ तो सब लोगो ने भारतीय लोगो के साथ एकजुटता दिखाई। .वे एक दीवार कि तरह खड़े हो गए और चुनोतियो का सामना किया। . भारत में रहने वाले करोडो करोडो लोगो के हाथ हाथ मजबूत करने कि बात हैं ! पुरुष और महिलाए और बूढ़े और जवान अनुसूचित जाती और जनजाति बेशक इसमें पिछड़े वर्गो के लोग भी शामिल हैं। । हर वो व्यक्ति जो भारत में रहता हैं उसे मजबूत किया जाना चाहिए ! उनमे हिम्मत ओर्र ताकत होनी चाहिए जो देश को विकास के रास्ते पर ले जाएँगी ! नए विचार लाने चाहिए ताकि विज्ञानं के युग में भारत तरक्की कर सके !… मैं जब भी वज्ञानिकों से मिलती हू एक ही बात कहती हु ऎसा कुछ कीजिये जो भारत के काम का हो। ! यदि हमने अपने देश कि एकता कायम नहीं रखी तो आज़ादी कैसे कायम रख पाएंगे ! ये न सोचो कि हमने एक बार आज़ादी हासिल कर ली हैं तो आने वाले समय में आज़ादी हमेशा के लिए बरक़रार रहेगी ! आज़ादी के लिए हमेशा जागरूक बने रहना इसकी कीमत हैं ! हमे इस दिशा में कु छ करके भी दिखाना भी होगा ! लोकतंत्र को बढ़ावा देना चाहिए जब तक हर आदमी कि बात नहीं सुनी जायेगी आज़ादी नहीं मानी जायेगी ! कांग्रेस ने समाजवाद का रास्ता अपनाया ! आर्थिक समानता और सबके लिए सामान अवसरों के बिना वो आज़ादी पूरी नहीं होती ! समाज में बगत अधिक असमानता होगी और आमिर गरीब में फासला बढ़ेगा तो समाज में असमानता होगी ! समाज में तनाव बढ़ेगा आपस मैँ लड़ाई झगडे बढ़ेंगे। शांति नहीं होगी तो आज़ादी कायम नहीं रहेगी ! कई अमीर देश भी अपने यहाँ से बेरोजगारी पूरी तरह से समाप्त करने मैं नाकामयाब रहे !हमारे सामने नई चुनोतिया हैं बेरोजगारी कैसे दूर होंगी और महंगाई कैसे काबू में आएगी ! जब हम उत्पादन बढ़ाएंगे तो लोगो को रोज़गार के मोके मिल सकेंगे ! भारत के लोगो को पहले भारत के बारे में सोचना चाहिए हम चाहे किसी भी जाती क्षेत्र या वश के हो लेकिन राष्ट्रीयता सबसे बड़ी बात हैं ! देश के लिए हमारा प्यार हर चीज़ से बढ़कर होना चाहिए लेकिन आज कुछ लोग ऐसा सोचते हैं कि ऐसे आंदोलनो को समर्थन देना! मुझे पूरा भरोसा हैं कि देश के आम लोग कभी गलत रास्ते पर नहीं जायेंगे ! शायर इकबाल ने कहा था कि कुछ बात हैं हस्ती मिटती नहीं हमारी ! इसका मतलब यह हैं कि हमारे अंदर वो ताकत हैं जिसकी वजह से हमारा वजूद बना हुआ हैं ! वह ताकत हर किसी में हैं लेकिन इसे विकसित होने का मौका देना होगा ! अगर ऐसा नहीं होगा तो आप हताश हो जाओगे एक भीतरी ताकत नकारात्मक काम करेगी ! आपको सबसे ज्यादा अहमियत देश कि अखंडता और एकता को देनी हैं हमे आज कि चुनोतियो का सामना इस तरह से करना हैं कि हम मजबूत होकर उभरे ! और हमारी ताकत लगातार बढ़ती रहे ! यदि थोड़े वक़्त के लिए हमे कोई चीज़ मिलती हैं और वो हमे कमज़ोर बनाती हैं तो ऐसी चीज़ हम हासिल करने लायक नहीं ।!
इंदिरा गांधी के भाषण से ,,,,
इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को उत्तर प्रदेश के इलाहबाद में एक संपन्न परिवार में हुआ था ! इंदिरा गांधी ने अपने नाम को सार्थक भी किया ! इंदिरा के अत्यंत प्रिय दिखने के कारण पंडित नेहरू इन्हे प्रिय दर्शिनी भी संबोधित करते थे !
इंदिरा प्रिय दर्शिनी गांधी को विश्व राजनीति में लोह महिला के रूप में जाना जाता हैं। ! सामाजिक और पारिवारिक परिस्थतियो ने उन्हें एक मजबूत व्यक्तित्व प्रदान किया ! को आगे चलकर उनके सफल राजनैतिक जीवन का आधार बना ! गुलाम भारत की चिंतनीय स्थिति को इंदिरा ने बचपन से ही भाप लिया था ! उनको यह समझ में आ गया था कि किसी भी राष्ट्र के लिए स्वतंत्रता कितनी जरुरी हैं ! इंदिरा गांधी को राजनीति कि समझ विरासत में मिली थी ! जिसकी वजह से जल्दी ही उनका प्रवेश राजनीति में हो गया था ! यहाँ तक कि जवाहर लाल नेहरू भी कई मसलो पर इंदिरा से राय लेते थे और उन्हें मानते भी थे ! इमरजेंसी को लेकर वे काफी विवाद में रही इसके बावजूद उन्होंने देश के लिए जो कुछ किया उसे जनता कभी नहीं भूल पाएगी ! उचित और तुरंत निर्णय लेने कि क्षमता ने कोंग्रेस सरकार में इंदिरा गांधी कि महत्ता और उनके कद को कई गुना बना दिया था ! अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए उन्होंने दो दशक तक देश को मंदी के हालात से बचाये रखा ! इसके अलावा देश में पहला परमाणु परिक्षण करने का श्रेय भी इंदिरा गांधी को जाता हैं ! दृढ निश्चयी और किसी भी परिस्थति से जूझने वाली और जीतने की क्षमता रखने वाली इंदिरा गांधी ने न केवल इतिहास में खास जगह बनाई बल्कि पकिस्तान को विभाजित करके दक्षिण एशिया का भूगोल ही बदल डाला ! इससे वर्ष 1962 के भारत चीन युद्ध की अपमानजनक पराजय की कड़वाहट धूमिल हुई और भारतीयो में नए जोश का संचार हुआ ! उनके शासन काल में कई उतार चढ़ाव आये ! अंतरिक्ष और परमाणु विज्ञान से भारत को मिली उपलब्धियों के पीछे इंदिरा गांधी की दूर दृष्टि ही रही ! इंदिरा ऎसी महिला जो न केवल भारतीय राजनीति पर छाई रही बल्कि विश्व राजनीति के क्षितिज पर भी विलक्षण प्रभाव छोड़ गई ! इंदिरा अपनी प्रतिभा और राजनैतिक दृढ़ता के लिए राजनीति के इतिहास में वे हमेशा जानी जाती रहेंगी !
इंदिरा गांधी ने बलिदान कि भविष्वाणी कएने वाले अंतिम भाषण में जो मुद्दे उठाये थे वो आज भी प्रासंगिक हैं। आज़ादी के बाद जब भारत पर हमला हुआ तो सब लोगो ने भारतीय लोगो के साथ एकजुटता दिखाई। .वे एक दीवार कि तरह खड़े हो गए और चुनोतियो का सामना किया। . भारत में रहने वाले करोडो करोडो लोगो के हाथ हाथ मजबूत करने कि बात हैं ! पुरुष और महिलाए और बूढ़े और जवान अनुसूचित जाती और जनजाति बेशक इसमें पिछड़े वर्गो के लोग भी शामिल हैं। । हर वो व्यक्ति जो भारत में रहता हैं उसे मजबूत किया जाना चाहिए ! उनमे हिम्मत ओर्र ताकत होनी चाहिए जो देश को विकास के रास्ते पर ले जाएँगी ! नए विचार लाने चाहिए ताकि विज्ञानं के युग में भारत तरक्की कर सके !… मैं जब भी वज्ञानिकों से मिलती हू एक ही बात कहती हु ऎसा कुछ कीजिये जो भारत के काम का हो। ! यदि हमने अपने देश कि एकता कायम नहीं रखी तो आज़ादी कैसे कायम रख पाएंगे ! ये न सोचो कि हमने एक बार आज़ादी हासिल कर ली हैं तो आने वाले समय में आज़ादी हमेशा के लिए बरक़रार रहेगी ! आज़ादी के लिए हमेशा जागरूक बने रहना इसकी कीमत हैं ! हमे इस दिशा में कु छ करके भी दिखाना भी होगा ! लोकतंत्र को बढ़ावा देना चाहिए जब तक हर आदमी कि बात नहीं सुनी जायेगी आज़ादी नहीं मानी जायेगी ! कांग्रेस ने समाजवाद का रास्ता अपनाया ! आर्थिक समानता और सबके लिए सामान अवसरों के बिना वो आज़ादी पूरी नहीं होती ! समाज में बगत अधिक असमानता होगी और आमिर गरीब में फासला बढ़ेगा तो समाज में असमानता होगी ! समाज में तनाव बढ़ेगा आपस मैँ लड़ाई झगडे बढ़ेंगे। शांति नहीं होगी तो आज़ादी कायम नहीं रहेगी ! कई अमीर देश भी अपने यहाँ से बेरोजगारी पूरी तरह से समाप्त करने मैं नाकामयाब रहे !हमारे सामने नई चुनोतिया हैं बेरोजगारी कैसे दूर होंगी और महंगाई कैसे काबू में आएगी ! जब हम उत्पादन बढ़ाएंगे तो लोगो को रोज़गार के मोके मिल सकेंगे ! भारत के लोगो को पहले भारत के बारे में सोचना चाहिए हम चाहे किसी भी जाती क्षेत्र या वश के हो लेकिन राष्ट्रीयता सबसे बड़ी बात हैं ! देश के लिए हमारा प्यार हर चीज़ से बढ़कर होना चाहिए लेकिन आज कुछ लोग ऐसा सोचते हैं कि ऐसे आंदोलनो को समर्थन देना! मुझे पूरा भरोसा हैं कि देश के आम लोग कभी गलत रास्ते पर नहीं जायेंगे ! शायर इकबाल ने कहा था कि कुछ बात हैं हस्ती मिटती नहीं हमारी ! इसका मतलब यह हैं कि हमारे अंदर वो ताकत हैं जिसकी वजह से हमारा वजूद बना हुआ हैं ! वह ताकत हर किसी में हैं लेकिन इसे विकसित होने का मौका देना होगा ! अगर ऐसा नहीं होगा तो आप हताश हो जाओगे एक भीतरी ताकत नकारात्मक काम करेगी ! आपको सबसे ज्यादा अहमियत देश कि अखंडता और एकता को देनी हैं हमे आज कि चुनोतियो का सामना इस तरह से करना हैं कि हम मजबूत होकर उभरे ! और हमारी ताकत लगातार बढ़ती रहे ! यदि थोड़े वक़्त के लिए हमे कोई चीज़ मिलती हैं और वो हमे कमज़ोर बनाती हैं तो ऐसी चीज़ हम हासिल करने लायक नहीं ।!
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