कहाँनी

लौट आओ   तुम


वक्त  से बड़ा कुछ नहीं होता ! वक्त एक बार हमे ऐसी सीख दे जाता हैं कि  हम बार  बार गलती को दोहराने से बचते हैं  !  कुछ ऐसा  ही  हुआ मेरी जिंदगी में  !  थोड़े साल बीते हैं मगर उसके साथ बिताये गए पल आज भी याद हैं  !  बार बार उसका चेहरा मेरी आँखों के सामने आता हैं    मानो  मुझसे कुछ कहना चाह  रहा हो मगर कुछ कह नहीं पा रहा हो !  मेरे कान तरसने लगे उसके मुह से निकले  प्यार  बोल सुनने को !  मगर एक बार भी कभी उसने   मुझसे अपने दिल की बात नहीं की  जबकि मेरे दिल को ये आभास था कि  कही न कही  वो अभी भी मुझसे बेहद प्यार करता हैं  पर न जाने क्यू   दिखाता  नहीं !  वो हमेशा   मेरे प्यार को नज़र अंदाज़   करता रहा ! आज जिंदगी  उसके बिना सुनी क्यू  लगती हैं क्यू  मेरे दिल में  उसके लिए इतना प्यार हैं !  कोई भी रिश्ता नहीं हैं  मेरा उससे पर न जाने क्यू  दिल हमेशा उसी के लिए धड़कता रहता हैं  !   भुला नहीं पाई हु  मैं  उसके प्यार को  !  मुझे उसकी याद हर पल तड़पाती  हैं  !   दर्द भरी बदली बन गई मैं  उसके प्यार मैं  ! कोई एक ही होता हैं जिससे हम  इतनी गहराई से  जुड़ते हैं  !  मेरा  तो  वजूद उससे ही हैं  ! मैं  जानती हू  एक  दिन   मेरे पास मेरा  प्यार जरूर लौट के आएगा !  उससे मेरी   जिंदगी के   मायने   ही बदल दिए मेरी जिंदगी को एक  नया रास्ता दिया !  जिंदगी मुस्कुराने लगी   !  मेरे अरमानो को नए पंख दिए उसने  !  उसके बिना मैं कैसे म  मुस्कुरा सकुंगी इस  जिंदगी  में  !  लौट आओ तुम मेरी जिंदगी में   वापस बहार बनकर  !
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