आधी आबादी का जिक्र नहीं
नेता चुनाव प्रचार कर रहे हैं लेकिन महिलाओ की कोई बात नहीं कर रहा ! उनके लिए क्या किया जाये ! महिलाओ के लिए राजनीति में आरक्षण की बात नहीं हैं ! महिला सुरक्षा के लिए क्या किया जाएगा सारे मुद्दे नदारद हैं ! किसी राजनैतिक दल के पास कोई ठोस कार्यक्रम नहीं हैं ! देश में महिला मतदाताओ की संख्या कुल मतदाताओ का लगभग 48 प्रतिशत हैं ! राजनैतिक क्षेत्र में देखा जाये तो महिलाए पर्याप्त रूप से सफल रही हैं ! दल बदल के कलंक से भी वो पूरी तरह मुक्त हैं ! इन तथयो के बावजूद देश की राजनीति में महिलाओ की संख्या कम रही हैं जो बेहद चिंताजनक हैं !आज की महिला अपनी सोच के आधार पर मतदान करती हैं सोनिया गांधी , सुषमा स्वराज ममता बेनर्जी , आज ऊँचे पदो पर बैठी हैं लेकिन महिला सशक्तिकरण के लिए क्या कर रही हैं ! महिलाओ की समस्या पर धयान क्यों नहीं दिया जाता ! उनकी बात क्यों कोई नहीं सुनता हैं ! नेता लोग महिलाओ के प्रति गलत बयानबाज़ी करते हैं ! सपा के नेता मुलायम सिंह यादव बलात्कारियो को सही बताते हैं ऎसे में हमारे देश की जनता और महिलाए कहा से न्याय की उम्मीद रखेंगी ! ऐसे नेताओ का बहिष्कार करना चाहिए जो अपराधियो को संरक्षण देते हैं सिर्फ सत्ता के प्रलोभन में ! दिल्ली गैंग रैप के बाद आज भी महिला उत्पीड़न में कोई कमी नहीं आई ! नेता लोग फोरी बयानबाज़ी करते हैं ! कोई भी राजनैतिक दल महिला सुरक्षा को चुनावी मुद्दा नहीं मानती ! कोई भी दल यह साफ़ नहीं कर रहा हैं कि महिलाओ को सुरक्षा दिलाने के लिए किसी दल के पास क्या ठोस नीति हैं ! राजनैतिक दल महिलाओ को राजनीति में आने से रोकना चाहते हैं ! महिलाओ को संसद और विधान सभाओ में एक तिहाई आरक्षण का मामला वर्षो से अटका पड़ा हैं !राजनीति में नैतिकता और शालीनता के लिए महिलाओ की उपस्थिति बहुत जरुरी है ! राजनीति और चुनावो में महिलाओ के पिछड़ने का प्रमुख कारण परिस्थतियाँ और कुरीतिया भी हैं !जिसकी वजह से महिलाए जीवन के सभी क्षेत्रो में आगे नहीं बढ़ पाती ! लेकिन आज महिलाए बहुत सक्रिय हो गई हैं वो मतदान में अपनी भागीदारी निभाने को तैयार हैं ! वो लोकतंत्र को मजबूत बनाएगी और अपनी बात लोगो के सामने रखेगी ! सबसे बड़ी बात यह हैं कि राजनेता चुनाव के टिकिट देते समय महिलाओ के लिए प्रमुख रूप से व्यवस्था करे और उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रोत्साहित करे ! इसके साथ यह भी जरुरी हैं कि राजनैतिक वातावरण को सुधारकर उसे शिष्ट और नैतिक बनाया जाये ताकि महिलाए राजनीती से परहेज न करे आज की नारी चुप बैठने वाली नहीं हैवो खुद अपना रास्ता तय
करेंगी !
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